माथे पर कुंकू (कुमकुम) तिलक लगाने के फायदे
कुंकू (कुमकुम) तिलक क्यों लगाते है
हिंदू धर्म में पूजन के वक्त माथे पर कुमकुम का तिलक लगाने की परंपरा है। तिलक को माथे पर छोटी सी बिंदी के रूप में या खड़े रूप में भौहों के मध्य लगाया जाता है। तिलक करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है। आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तिलक लगाने से दिमाग में शांति, तरावट एवं शीतलता बनी रहती है। मेघाशक्ति बढ़ती है तथा मानसिक थकावट विकार नहीं होता।
कुंकू हल्दी पाउडर का मिश्रण है और इसके द्वारा बनाई गई पदार्थ है। यह रंग में लाल है इसका उपयोग भगवानों और माथे की पूजा में भी किया जाता है। इसका उपयोग भाग्य और कॉस्मेटिक डिवाइस के रूप में भी किया जाता है। यदि ट्रंक सूखा है, तो इसे एक वर्णक कहा जाता है अगर नारंगी गीली होती है, इसे गंध कहा जाता है दो प्रकार के कोंकावा हैं यह खुशबू उपयोग में है
आम तौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक लगाने का विधान है. अगर कोई तिलक लगाने का लाभ तो लेना चाहता है, पर दूसरों को यह दिखाना नहीं चाहता, तो शास्त्रों में इसका भी उपाय बताया गया है. कहा गया है कि ऐसी स्थिति में ललाट पर जल से तिलक लगा लेना चाहिए. टीका लगाने के पीछे आध्यात्मिक भावना के साथ-साथ दूसरे तरह के लाभ की कामना भी होती है.
माथे पर तिलक लगाने का क्या महत्व है
भारत के सिवा और कहीं भी मस्तक पर तिलक लगाने की प्रथा शायद ही कहीं और भी प्रचलित हो। यह हिन्दू रीति रिवाज अत्यंत प्राचीन है। माना जाता है कि मनुष्य के मस्तक के मध्य में विष्णु भगवान का निवास होता है, और तिलक ठीक इसी स्थान पर लगाया जाता है। तिलक लगाना देवी की आराधना से भी जुड़ा है।
स्नस्कार और तिलक की प्रथा
भारतीय धर्म में जब भी कोई धार्मिक कार्य, शुभ काम, यात्रा किया जाना होता है तब उसमे सिद्धि प्राप्त करने के लिए तिलक संस्कार किया जाता है। सिर पर तिलक लगाकर इस कार्य की शुभ सिद्धि के लिए कामना की जाती है।देवी की पूजा करने के बाद माथे पर तिलक लगाया जाता है। तिलक देवी के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।
तिलक लगाने के फायदे
1. शरीर पर बहुत सी जगह पर ऐसे पॉईंट्स होते है जीने हम एक्यूप्रेशर पॉइंट कहते है जिन के मदत से हम तकलीफ से निजात पा सकते है , वैसे ही भोओ के बीच की इस जगह को बहुत संवेदनशील माना जाता है। इसी जगह पर बिंदिया के लगाने के कारण सर दर्द से राहत दिलाने मे मदत करती है।
2. मस्तिष्क को शांती प्रदान करती है जिससे अनिद्रा चिडचिडापण जेसे बीमारियो को दूर रखने मे मदत करती है।
3 . ऐसा माना जाता है की एक बिंदु की तरफ ध्यान लगाने से एकाग्रता बढ़ती है ये शरीर का ऐसा भाग है जहा पर हमारे शरीर की हर एक संवेदना केंद्रित होती है, जो एकाग्र होणे मदत करती है और यहापर लगा बिंदिया या तीलक उत्प्रेरक का काम करता है।
4. इसी जगह कि मसाज मात्र से वहा की नाड़ीया खुल जाती है जिससे बंदनाक से भी छुटकारा पा सकते है ।
5 . तिलक करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है. दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है.
6 . ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है. लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है.
7. दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है.
8. इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है.
9. हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है. हल्दी में एंटी बैक्ट्रियल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है.
10. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है. लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है.
11. माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है.
12.हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है। हल्दी में एंटी बेक्ट्रियल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है।