Dasavi ke bad kya kare 10th के बाद क्या करे कोनसा सब्जेक्ट ले

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10th के बाद क्या करे कोनसा सब्जेक्ट ले

10th के बाद क्या करे कोनसा सब्जेक्ट ले

what to do after 10th how to choose subject

दसवीं क्लास की परीक्षा के बाद क्या करें, किस स्ट्रीम का चुनाव करें, क्या मुझे किसी प्रोफेशनल कोर्स का चयन करना चाहिए या फिर ट्रेडिशनल विकल्पों की तरफ ही अपने आप को केन्द्रित करना चाहिए आदि कुछ ऐसे सवाल हैं जो लगभग हर दसवीं पास या दसवीं की पढ़ाई कर रहे छात्रों के दिमाग में उठते हैं और इससे वे बेवजह परेशान रहते हैं. वस्तुतः इन प्रश्नों के उत्तर का सीधा सीधा सम्बन्ध भविष्य में उनके अध्ययन तथा प्रोफेशन से होता है. इनका मुख्य फोकस इन्हीं दो बातों पर होता है. इस लिए इस दौरान ऐसे प्रश्नों के विषय में सोंचकर परेशान होना स्वाभाविक है.

 

दसवीं के बाद कुछ भी करने का निर्णय छात्रोंन के सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करता है. इस समय वे एक ऐसी राह पर खड़े होते हैं जहाँ आपको एक निर्णय लेना है जो आपके जीवन को सुखी और समृद्ध बना सके. यदि आप करियर से जुड़े इस निर्णय को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं तथा कहीं न कहीं आपके मन में किसी तरह का संदेह हो,तो इस सम्बन्ध में निर्णय लेना काफी मुश्किल हो जाता है.साथ ही इस दौरान अगर आपने कोई गलत निर्णय ले लिया तो उसका परिणाम आपको जीवन भर भुगतना पड़ेगा.

सही डिसीजन (निर्णय) लेने की क्षमता का विकास

किसी भी काम की सफलता के पीछे मुख्यतः सही समय पर लिए गए सही निर्णय की ही अहम भूमिका होती है. इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने सीनियर्स, टीचर्स या माता-पिता तथा अभिभावकों की राय अवश्य लेनी चाहिए.इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि यह बात सही है कि इस निर्णय का प्रभाव दूरगामी होता है लेकिन यह आपके जीवन का आखिरी निर्णय नहीं होता है. वस्तुतः निर्णय लेने की क्षमता जैसी क्वालिटी की डिमांड जॉब मार्केट में बहुत ज्यादा होती है. आप चाहे किसी भी क्षेत्र में जाएं हर जगह आपके इस क्वालिटी की परख की जाती है और इसी पर आपका करियर कुछ हद तक डिपेंड करता है. इसलिए दसवीं के बाद आप सही निर्णय लेने की कोशिश करते हैं जिससे आपके तार्किक क्षमता का विकास होता है और इसी दौरान आप जीवन से जुड़े पहलुओं पर गौर करना सीखते हैं.

इससे आपको अपने अनुसार चयन करने की स्वतन्त्रता मिलती है –

 

अभी तक आपसे जुड़े हर चीज का निर्णय आपके माता पिता या अभिभावकों द्वारा लिया जाता है लेकिन दसवीं के बाद आप अपने करियर से जुड़े ऑप्शंस को चुनने के लिए स्वतंत्र होते हैं. इसलिए दसवीं के बाद मुझे क्या करना है ? इस महत्वपूर्ण निर्णय को अब आपको ही लेना होता है. हो सकता है कि बहुत सारे करियर विकल्पों की उपस्थिति में आप थोड़ा बहुत कन्फ्यूज हो जाएं लेकिन अत्यधिक सूक्ष्म परीक्षण और डिस्कशन के बाद आप सशक्तता पूर्वक अपने लिए फायदेमंद और तार्किक रूप से संगत करियर विकल्प का चयन अपने लिए कर सकते हैं.

10th के बाद क्या करे कोनसा सब्जेक्ट ले

आप को किन किन स्ट्रीम्स का चयन करना चाहिए ?-

 

दसवीं के बाद सबसे कठिन निर्णय होता है स्ट्रीम का चुनाव करना. सही स्ट्रीम का चुनाव करना बहुत जरुरी है.कारण कि भविष्य के सभी निर्णय मुख्यतः आपके इसी निर्णय पर अवलंबित होते हैं.

किस विषय का चुनाव स्टूडेंट्स को करना चाहिए ?

 

कभी कभी स्टूडेंट्स अपने जीवन हर्ड मेंटालिटी ( झुण्ड मानसिकता) के दबाव में आकर उस स्ट्रीम का चुनाव कर लेते हैं जो उनकी रुची तथा क्षमता के बिलकुल विपरीत होते हैं लेकिन चूँकि उनके मित्र या जानकार भी इसे ही चुने हैं,इसलिए वे भी ऐसा करते हैं.लेकिन यह एक गलत प्रैक्टिस है और इसके परिणाम आपके लिए भयावह हो सकते हैं. इसलिए हमेशा अपनी रुचि,योग्यता और क्षमता के अनुरूप ही किसी स्ट्रीम का चयन करें ताकि आप बेहतर रीजल्ट पा सकें.

साइंस

 

सामान्यतः सबका पसंदीदा विषय – विज्ञानं अधिकांश स्टूडेंट्स का पसंदीदा विषय होता है और लगभग हर माता पिता यही चाहते हैं कि उनका बच्चा विज्ञान विषय से ही पढ़ाई करे. यह स्ट्रीम स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग, चिकित्सा, आईटी और कंप्यूटर विज्ञान जैसे कई आकर्षक करियर विकल्प प्रदान करती है और विभिन्न डोमेनों में शोध करने का अवसर भी प्रदान करती है. दसवीं के बाद विज्ञान विषय चुनने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे लेने के बाद आगे चलकर वे आर्ट्स या कॉमर्स किसी भी स्ट्रीम में एडमिशन ले सकते हैं. इसके विपरीत अगर आपने 12 वीं तथा ग्रेजुएशन आर्ट्स या कॉमर्स से की है तो आप भविष्य में साइंस नहीं ले सकते हैं जबकि साइंस स्ट्रीम वाले पुनः किसी भी स्ट्रीम का चुनाव कर सकते हैं.

जहां तक ​​ कक्षा 11 वीं और 12 वीं का सवाल है,तो आपको कंप्यूटर विज्ञान, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ ऐच्छिक विषयों के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान और गणित जैसे आधारभूत विषयों का चयन करना होगा. इसके अतिरिक्त स्टूडेंट्स द्वारा चुने गए इंस्ट्रक्शन के भाषा के आधार पर उन्हें एक अनिवार्य भाषा का भी चुनाव करना होगा. साथ ही क्लास में थियरी की पढ़ाई के अतिरिक्त लेबोरेट्री में प्रैक्टिकल भी करना होगा.

 

यदि आप इंजीनियरिंग में दिलचस्पी रखते हैं तो आप पीसीएम या भौतिकी + रसायन विज्ञान + गणित को मूल विषयों के रूप में चुन सकते हैं, लेकिन आगर आप मेडिसिन में रुचि रखते हैं तो आप पीसीएमबी या भौतिकी + रसायन विज्ञान + गणित + जीवविज्ञान ले सकते हैं.

कॉमर्स

 

बिजनेस के लिए सर्वश्रेष्ठ – साइंस के बाद स्टूडेंट्स द्वारा सर्वाधिक पसंद किया जाने वाला स्ट्रीम है कॉमर्स. यदि स्टैटिक्स, फायनांस या इकोनॉमिक्स के फील्ड में जाना चाहते हैं तो आपको इस स्ट्रीम का चुनाव करना होगा. अगर करियर की बात की जाय तो कॉमर्स स्ट्रीम से चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी, एकाउंटेंट्स, निवेश बैंकिंग और वित्तीय सलाहकार जैसे कुछ सबसे अधिक आकर्षक और उच्च भुगतान वाली नौकरियों में जाया जा सकता है हालांकि, इसकेलिए कक्षा 12 के बाद इन संबंधित डोमेन में प्रोफेशनल कोर्सेज का चयन करना होगा.

 

कॉमर्स स्टूडेंट्स के रूप में आपको बिजनेस इकोनॉमिक्स, एकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडी और बिजनेस लॉ आदि मुख्य विषयों का अध्ययन करना होगा. इसके अतिरिक्त स्टूडेंट्स को कॉमर्स स्ट्रीम के एक हिस्से के रूप में अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, इनकम टैक्स, मार्केटिंग और जेनरल बिजनेस इकोनोमिक्स में आधारभूत प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. साइंस के स्टूडेंट्स की तरह ही इन्हें भी एक अनिवार्य भाषा का चयन करना होता है.

आर्ट्स/कला / मानविकी

 

आजकल आर्ट्स स्टूडेंट्स के पास अन्य स्ट्रीम की भांति ही आकर्षक और संतोषजनक करियर विकल्प मौजूद हैं. एक आर्ट्स का स्टूडेंट जर्नलिज्म, लिटरेचर, सोशल वर्क, एजुकेशन और कई अन्य करियर विकल्पों का चयन कर सकता है.

 

जहां तक ​​विषयों का संबंध है, तो आर्ट्स स्टूडेंट्स के पास विभिन्न प्रकार के विषयों के चयन का विकल्प होता है जिनमें से समाजशास्त्र, इतिहास, साहित्य, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, दर्शन, अर्थशास्त्र इत्यादि विषय शामिल हैं. इन्हें भी एक अनिवार्य भाषा विकल्प का चयन करना पड़ता है.

सही करियर विकल्प की पहचान करें

 

एक बार जब आप उन चीज़ों की पहचान करना शुरू करते हैं जिनके बारे में आप रुचि रखते हैं, तो बहुत सारे और विविध विकल्प आपके सामने होते हैं, जिनमें से सबका चयन करना सही निर्णय नहीं हो सकता है. उदाहरण के लिए मानलीजिये कि आपको पतंग उड़ाना बहुत पसंद है, लेकिन एक करियर विकल्प के रूप में इसका चयन करना शायद एक सही निर्णय नहीं हो सकता है.

 

इसलिए, आपको यह पहचानने की आवश्यकता है कि आपके कौन से इन्ट्रेस्ट क्षेत्र आपको अच्छे अवसर प्रदान कर सकते हैं, जिसमें आप एक स्थायी करियर बना सकते हैं. इसके लिए आप प्रोफेशनल करियर काउंसेलर की मदद ले सकते हैं. वे आपको अपने कौशल का विश्लेषण करने में मदद कर सकते हैं और सही करियर विकल्प चुनने में आपकी सहायता कर सकते हैं.

दूसरों की मदद लें

 

यदि आपको अभी भी लगता है कि आप स्ट्रीम के चयन को लेकर भ्रमित और अनिश्चित हैं, तो आपको कक्षा 10 के बाद अपने माता-पिता, प्रोफेशनल काउंसेलर या सीनियर से सलाह लेनी चाहिए. आजकल मार्केट में कई अन्य करियर विकल्प और अवसर मौजूद हैं जो कक्षा 10 के बाद आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं जिनका आप चयन कर सकते हैं. माता-पिता, प्रोफेशनल काउंसेलर या सीनियर आपको हमेशा सही सलाह देंगे तथा सही स्ट्रीम के चयन में आपकी भरपूर मदद करेंगे.

10वीं क्लास के बाद क्या करें – Courses After 10th

 

10वीं के बाद कोर्सेस की लिस्ट

 

    • 11th and 12th PUC

 

    • डिप्लोमा इन इनजीनियरिंग कोर्सेस

 

    • ITI कोर्सेस

 

    • वोकेशनल कोर्सेस

 

    • सर्टिफिकेट कोर्सेस

 

 

अगर कोई छात्र अपनी 10 वीं तक की पढ़ाई के बाद ही नौकरी की सोच रखता है तो आज कल कुछ डिप्लोमा और पार्ट टाइम कोर्सेस भी हैं जो ऐसे छात्रों को नौकरी दिलवाने में उनकी मदत सकते हैं।

 

अगर आपकी आर्थिक स्थिति ठीक है और आपको किसी ऐसी समस्या से नहीं जूझ रहे हैं जो आपके आगे की पढ़ाई को प्रभावित करे, तो आपके करियर के लिए बेहतर होगा कि आप 10th के बाद जॉब नहीं करें और आगे की पढ़ाई पर ध्यान दें।

 

क्योंकि अगर आप 10 वीं के बाद जॉब करने लगते हैं तो आप कम सैलरी तक तक सीमित रह जाते हैं जब तक की आपको सरकारी नौकरी नहीं मिलती ( जैसे की आर्मी, नेवी, रेलवे और पुलिस ) में आप नियुक्त नहीं हो जाते।

 

10 वीं के बाद ज्यादातर छात्र 12 वीं तक अपनी स्कूल की पढ़ाई जारी रखना पसंद करते हैं वहीं 11वीं 12 वीं की पढ़ाई के लिए छात्रों को तीन मुख्य विषय विज्ञान, कॉमर्स और आर्ट्स में से ही चयन करना पड़ता है।

 

अगर कोई छात्र अपने करियर के लिए विज्ञान विषय का चयन करता है तो वह PUC में फिर से कॉमर्स और आर्ट्स के क्षेत्र में अपना करियर बना सकता है। विज्ञान वर्ग के छात्रों के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में भी करियर बनाने के लिए कई विकल्प हैं जिन्हें चुनकर वे अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

 

छात्र कन्वेशनल कोर्सेस जैसे इंजीनियरिंग, मेडीकल, मैनेजमेंट कोर्सेस कर सकते हैं। अगर आप कॉमर्स स्ट्रीम से PUC करने की सोच रहे हैं तो आप बाद में आर्ट फील्ड्स में भी अपना करियर बना सकते हैं लेकिन आप विज्ञान के क्षेत्र मे नहीं जा सकते हैं।

 

आजकल ज्यादातर छात्र 10 वीं के बाद डिप्लोमा कोर्स करना पसंद कर रहे हैं। वहीं डिप्लोमा कोर्सेस करने का सबसे बड़ा फायदा है यह है कि छात्र को एक विशेष स्ट्रीम में पूरा ज्ञान मिल जाता है और वे उस स्ट्रीम में अपना करियर बना सकते हैं।
वहीं तेजी से डिप्लोमा कोर्सेस की बढ़ती मांग को देख भारत में कई डिप्लोमा कोर्सेस आ रहे हैं उन छात्रों के लिए जो कि 10वीं क्लास के बाद नौकरी पाने की आशा करते हैं। जबकि डिप्लोमा कोर्सेस का ये भी फायदा है कि छात्र डिप्लोमा प्रोग्राम के बाद छात्र सरकारी नौकरी के लिए भी एप्लाई कर सकते हैं।

10th के बाद क्या करे कोनसा सब्जेक्ट ले

10वीं के बाद डिप्लोमा कोर्स की लिस्ट – Diploma Courses After 10th

 

Diploma in Stenography

 

ये डिप्लोमा कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को शॉर्ट-हैंड- डिक्टेशन्स लेने में मद्द मिेलती है साथ ही वे लिपिक कर्तव्यों का भी पालन कर सकते हैं।

 

समय- 1 साल

 

जॉब– ये कोर्स करने वाले विद्यार्थी सरकारी अथवा प्राइवेट सेक्टर में स्टेनोग्राफर की जॉब आसानी से पा सकते हैं।

Art Teacher Diploma

 

ये क डिप्लोमा कोर्स के माध्यम से छात्र बेसिक और मौलिक सिद्दान्तों की ट्रेनिंग लेते हैं इसके साथ ही छात्र विजुअल और डिजायनिंग का भी अनुभव ले सकते हैं।

 

समय अवधि- 2 साल

 

जॉब– इस डिप्लोमा कोर्स के बाद छात्र आर्ट टीचर बन सकते हैं।

Diploma in Agriculture

 

एग्रीकल्चर डिप्लोमा के माध्यम से छात्र खेती करने के तरीके समेत तमाम तरह मिट्टी की जानकारी एकत्र कर सकते हैं।

 

समय- 2 साल

 

जॉब– इस कोर्स के माध्यम से छात्र बीटेक में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में करियर बना सकते हैं।

Commercial Art Diploma

 

इन डिप्लोमा कोर्स की मदद से छात्र खरीदने-बेचने की अवधारणा को आसानी से समझ सकते हैं। आपको बता दें कि ये कोर्स फाइन आर्ट के कोर्स से एकदम अलग है।

 

समय- 2 से 3 साल

 

जॉब– इस कोर्स को करने के बाद छात्र एडवरजाइजिंग कंपनी, आर्ट स्टूडियो, पब्लिशिंग हाउसेस, फैशन हाउसेस में जॉब कर अपना करियर बना सकते हैं।

Diploma in 3D Animation

 

इस एनिमेशन कोर्स का भी स्कोप दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। इस कोर्स की मद्द से छात्र 3D एनिमेशन से जुड़ी स्किल्स से संबंधित ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

 

समय- 18 महीने से 2 साल

 

जॉब– एनिमेशन डिप्लोमा कोर्सेस करने वाले छात्र किसी भी एनिमेशन कंपनी में 3D एनिमेटर की जॉब आसानी से पा सकते हैं।

Diploma in Hotel Management and Catering Technology

 

इस कोर्स का भी स्कोप बहुत तेजी से बढ़ रहा है ज्यादातर बच्चे होटेल मैनेजमेंट में अपना करियर बनाना पसंद कर रहे हैं।

 

समय – 2 साल

 

जॉब– इस डिप्लोमा कोर्स की माध्यम से छात्र केटरिंग ऑफिसर, कैटरिंग सुपरवाइजर एंड असिसटेंट, केबिन क्रू की जॉब पा सकते हैं।

Diploma in Beauty Care

 

ये डिप्लोमा कोर्स लड़कियो के बीच काफी लोकप्रिय है, इस डिप्लोमा कोर्स के माध्यम से लड़कियां ब्यूटीशियन के कौशल को निखार सकती हैं।

 

समय- 4 साल

 

जॉब- ये कोर्स करने के बाद लड़किया ब्यूटीशियन बन सकती है और खुद का ब्यूटी पार्लर भी खोल कर सकती हैं।

Diploma in Cosmetology

 

इस कोर्स के माध्यम से छात्र कॉस्मेटिक के विस्तार को गहराई से समझ सकते हैं।

 

समय – 5 महीने

 

जॉब- इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स, ब्यूटीशियन बन सकते हैं या फिर खुद का ब्यूटी पार्लर खोल सकते है। इसके अलावा वे किसी कॉस्मेटिक बनाने वाली कंपनी में सेल्समेन की नौकरी भी कर सकते हैं।

Diploma in Cyber Security

 

इस कोर्स के माध्यम से छात्र ऐथिकल हैकिंग से संबंधित ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

 

साल 1- साल

 

जॉब– इस कोर्स के बाद छात्र सरकारी और प्राइवेट एजेंसी में एथिकल हैकर बन सकते हैं साथ ही अलग तरह की मिट्टी ले सकते हैं।

Diploma in Commercial Practice

 

इस कोर्स के माध्यम से छात्र को किसी वस्तु को बेचने का अनुभव होगा साथ ही वस्तु का प्रमोशन भी कर सकेंगे।

 

समय- 3 साल

 

जॉब- इस डिप्लोमा की मद्द से छात्र कॉर्मशियल एकाउंट मैनेजर, कॉर्मशियल एक्सीक्यूटिव, बिजनेस जूनियर हेड, ब्रांच जूनियर असिस्टेंट मैनेजर की जॉब पा सकते हैं।

Diploma in Dental Mechanics

 

समय- 2 साल

 

जॉब– डेंटिस्ट, असिसटेंट डेंटल सर्जन, डेंटल टेक्नीशियन, रिसर्च असिसटेंट

Diploma in Plastics Technology

 

साल- 3 साल

 

जॉब– प्लास्टिक पार्ट मोल्ड डिजायन इंजीनियर, प्रोजक्ट इंजीनियर, इंडस्ट्रियल इंजीनियर, प्रोडक्ट डिजायन इंजीनियर

Diploma in Ceramic Technology

 

समय- 3 साल

 

जॉब– इस कोर्स के बाद छात्र या तो सिरेमिक टेक्नोलॉजी में में पार्श्व प्रवेश कर सकते हैं या फिर सिरेमिक इंजीनियर बन सकते हैं।

Diploma in Engineering

 

समय- 3 साल

 

जॉब– इस कोर्स के बाद बीटेक में प्रवेश ले सकते हैं या फिर इससे संबंधित क्षेत्र में जॉब पा सकते हैं।

Diploma in Fire Safety Engineering

 

समय- 6 महीने

 

जॉब– फायर सेफ्टी ऑफिसर

Diploma in Fashion Technology

 

समय- 3 साल

 

जॉब– फैशन डिजायनर, कॉस्ट्यूम डिजायनर, टेक्सटाइल डिजायनर, ब्राइडल वियर डिजायनर, स्टायलिस्ट

डिप्लोमा इन इनजीनियरिंग कोर्सेस

 

10 वीं के बाद छात्र इंजीनियरिंग कोर्सेस में भी डिप्लोमा कर सकते हैं। लेकिन ये डिप्लोमा कोर्स छात्र तभी कर सकते हैं जब उनके पास क्लास 10th में गणित और विज्ञान हो।

 

वहीं इंजीनियरिंग प्रोग्राम में डिप्लोमा 3 साल का होता है। भारत में कई तरह के डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग कोर्सेस उपलब्ध हैं। जिनमें से कुछ इस तरह हैं।

    • डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग

 

    • डिप्लोमा इन इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

 

    • डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग

 

    • डिप्लोमा इन ईसी इंजीनियरिंग

 

    • डिप्लोमा ने आईसी इंजीनियरिंग

 

    • डिप्लोमा ने माइनिंग इंजीनियरिंग

 

    • डिप्लोमा इन टैक्सटाइल इंजीनियरिंग

 

 

डिप्लोमा कोर्स पूरा होने के बाद, छात्र प्रत्यक्ष रूप से बीटेक और बीई के 2nd ईयर में प्रवेश ले सकते हैं जिसे लेटरल एंट्री भी कहा जाता है।

ITI कोर्सेस

 

आईटीआई जिसका मतलब है, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इन्सटिट्यूट, इसमें छात्रों को इंडस्ट्रियल लेवल पर काम करने के लिए तैयार किया जाता है ताकि बच्चे अच्छी जॉब पा सकें। वहीं आईटीआई की खासियत यह है कि ये थ्योरी के मुकाबले प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर ज्यादा जोर देता है ताकि बच्चों को अच्छे से समझ में जाए।

 

आईटीआई प्रोग्राम 1-2 साल के होते हैं, कोर्स की समय अवधि कोर्स के नैचर पर निर्भर करती है , कुछ मुख्य आईटीआई प्रोग्राम इस प्रकार हैं –

    • आईटीआई इलैक्ट्रिशियन कोर्स

 

    • आईटीआई प्लमबर कोर्स

 

    • आईटीआई वेल्डर कोर्स

 

    • आईटीआई टर्नर कोर्स

 

    • आईटीआई मैकेनिक कोर्स

 

    • अन्य वोकेशनल कोर्सेस

 

 

आईटीआई, पॉलीटेक्निक कॉलेज और दूसरे एजूकेशनल इंस्टीट्यूट, जॉब दिलवाने कोर्सेस नौकरी उन्मुख व्यवसायिक पाठ्यक्रम के लिए जाने जाते हैं। ऐसे प्रोग्राम डिप्लोमा और सर्टिफिकेशन कोर्सेस भी होते हैं। उदाहरण के लिए-

    • डिप्लोमा इन हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग

 

    • पैरामेडिकल कोर्सेस

 

    • CERTIFICATE COURSES

 

 

ऊपर लिखे गए कोर्सेस के अलावा भी कई सर्टिफिकेशन कोर्सेस उपलब्ध है जिन्हें छात्र 10वीं क्लास के बाद कर सकता है। उदाहरण के लिए-

    • सर्टिफिकेट इन वेब डिजायनिंग

 

    • सर्टिफिकेट इन एथिकल हैकिंग

 

    • सर्टिफिकेट इन ग्राफिक डिजाइन

 

    • सर्टिफिकेट इन एप डेवलपमेंट

 

 

तो इस प्रकार छात्र अपनी रूचि का कोई एक कोर्स चुन कर अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकता है।

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