details of RTE act in hindi-RTE act की पूरी जानकारी

RTE पूरी जानकारी

RTE Act Kya Hai?

प्राचीन काल से ही हमारा भारत वर्ष विश्व गुरु रहा है। शून्य की खोज हमारे ही देश के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट द्वारा की गयी थी। तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्व प्रख्यात शिक्षा संस्थानों का भारत जन्म दाता रहा है। परन्तु विदेशी आक्रमणकारियों ने हमारे पुस्तकालय जला दिए, गुरुकुलों को नष्ट कर दिया। परिणामस्वरूप हमारा शिक्षा का स्तर गिर गया और आज़ादी के बाद भी लगातार गिरता ही चला गया।
बहुत से बच्चे पढ़ाई से वंचित हो गए और साक्षरता दर बहुत कम हो गयी। इसी में सुधार करने के लिए और सभी बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सके, इसके लिए भारत सरकार द्वारा RTE Act पारित किया गया है। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको आरटीई एक्ट क्या है? और आरटीई एक्ट कब लागू हुआ? की संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।

RTE Act Full Form:

आर.टी.ई. एक्ट का फुल फॉर्म Right To Education Act / शिक्षा का अधिकार अधिनियम है। इसे Right Of Children To Free And Compulsory Education Act / निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के नाम से भी जाना जाता है।

Right To Education Act RTE क्या है

निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 भारत सरकार द्वारा नागरिकों को प्रदान किए गए 6 मौलिक आधिकारो में से एक संस्कृति और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार के अंतर्गत लागू किया गया एक प्रावधान है। सरल शब्दों में Right To Education Act Indian Kanoon है, जो 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21A को RTE Act कहते है। इस एक्ट के अनुसार 6-14 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा के लिए क़ानूनी अधिकार प्राप्त है।

Right To Education Act In India

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लचीला और विस्तृत संविधान है। Right To Education Act के लागू होने के बाद भारत भी उन 135 देशों की सूची में सम्मिलित हो गया है। जहां बच्चो के लिए अनिवार्य तथा मुफ्त शिक्षा का प्रावधान है।

details of RTE act in hindi

क्या है शिक्षा का ‍अधिकार

6 से 14 की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा देने के उद्देश्य से 1 अप्रैल 2010 को केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया। जिससे भारत का प्रत्येक बच्चा अच्छी शिक्षा ग्रहण करने के बाद अपना भविष्य उज्जवल कर सके तथा इसके साथ ही देश की उन्नति में सहयोग प्रदान कर सके |

इसके तहत में यूपीए सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया। इसे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि कहा जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी शिक्षा का अधिकार कानून पर अपनी मोहर लगाते हुए पूरे देश में लागू करने का आदेश दिया। इस अधिनियम के पारित होने से देश के हर बच्चे को शिक्षा पाने का सवैंधानिक अधिकार मिला।

इस कानून के तहत देश के हर 6 साल से 14 साल के बच्चे को मुफ्त शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होगा। हर बच्चा पहली से आठवीं तक मुफ्त और अनिवार्य रूप से पढ़ेगा। सभी बच्चों को अपने आस-पास के स्कूल में दाखिला लेने का अधिकार होगा।

सबसे बड़ी बात यह है कि यह कानून निजी स्कूलों पर भी लागू होगा। शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके राज्य में बच्चों को नि:शुल्क अनिवार्य शिक्षा प्राप्त हो सके। बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ स्कूलों में अन्य अनिवार्य सुविधाएं जैसे पेयजल की सुविधा, खेलकूद की सामग्री, खेल का मैदान भी दी जाएं।

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नियम व कानून

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के द्वारा सरकार को निर्देश दिए गए है, कि प्रत्येक बच्चे को उसके निवास क्षेत्र के एक किलोमीटर के अंदर प्राथमिक विद्यालय और तीन किलोमीटर के अन्दर माध्यमिक विद्यालय की सुविधा प्रदान करे |

विद्यालय हेतु सरकार बजट का निर्माण करे और उसे प्रभावी ढंग से लागू करे | निर्धारित दूरी पर विद्यालय न होने पर सरकार छात्रावास या वाहन की सुविधा प्रदान करे

इस अधिनियम के अंतर्गत किसी भी बच्चे को मानसिक यातना या शारीरिक दंड नहीं दिया जा सकता

इसके प्रावधान के अंतर्गत कोई भी सरकारी शिक्षक/शिक्षिका निजी शिक्षण या निजी शिक्षण गतिविधि में सम्मिलित नहीं हो सकता

विद्यालय में लड़कियों और लड़कों के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था होनी अनिवार्य है

इस अधिनियम के अंतर्गत विद्यालय में शिक्षक और छात्रों का अनुपात 1:30 होना चाहिए, इसमें प्रधानाचार्य के लिए अलग कमरा होने का प्रावधान किया गया है

बच्चे को कक्षा आठ तक की फेल नहीं किया जा सकता तथा शिक्षा पूरी करने तक किसी भी बच्चे को स्कूल से निकाला नहीं जा सकता है

किसी भी बच्चे को आवश्यक डॉक्यूमेंट की वजह से विद्यालय में प्रवेश देने से मना नहीं किया जा सकता है | प्रवेश के लिए किसी भी बच्चे को प्रवेश परीक्षा देने के लिए नहीं कहा जाएगा

इस अधिनियम के अंतर्गत, शिक्षा से सम्बंधित किसी भी शिकायत के निवारण के लिए ग्राम स्तर पर पंचायत, क्लस्टर स्तर पर क्लस्टर संसाधन केन्द्र (सीआरसी), तहसील स्तर पर तहसील पंचायत, जिला स्तर पर जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी की नियुक्ति करने की व्यवस्था की गयी है


शिक्षा-पढ़ाई देखिये यहा सब कुछ 

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