Akal Daad ka dard अकल दाढ़ दर्द के लक्षण-कारण और इलाज

Akal Daad ka dard अकल दाढ़ दर्द के लक्षण, कारण, इलाज

Akal Daad ka dard अकल दाढ का दर्द

 

अकल दाढ़ दर्द के लक्षण-कारण और इलाज: अकल दाढ उन दाँतों के नाम हैं जो आखिर में निकलते हैं। अधिकतर लोगों को चार अकल दाढ होते हैं – मुँह के हर कोने में एक – ये ज्यादातर जवानी में निकलते हैं।

 

हम में से बहुत से लोंगो के लिये 17 से 21 की उम्र में निकलने वाले 4 अक्‍ल के दांतों का आना काफी ज्‍यादा दर्द भरा अनुभव होता है। कई लोगों में ये 25 के बाद भी आती है। ये दांत काफी मजबूत होते हैं जो कि काफी देर के बाद आते हैं। हमारे मुंह में 28 दांत पहले से ही निकल चुके होते हैं और वह पूरे मुंह भर में अपनी जगह बना चुके होते हैं, लेकिन अक्‍ल के दांत काफी लेट से आते हैं, जिसके कारण उन्‍हें फैलने की जगह नहीं मिलती जिसके चलते आपको काफी दर्द होता है। इसके साथ ही मसूड़ों पर भी दवाब बनता है। इस वजह से दांतों में दर्द, मसूड़ों में सूजन और असहजता की शिकायत हो जाती है।

 

यह संभव है कि अकल दाढ जबड़ों की हड्डी में अटक जाएं, या फिर निकलें ही नहीं। ऐसा होने पर बाकी दाँत ठसने या खिसकने लग सकते हैं, या नजदीकी दाँतों में सड़न या संक्रमण हो सकता है या मसूड़ों में बीमारी फैल सकती है। जबड़ों में अकल दाढ के अटकने का कारण यह हो सकता है कि वे किसी असाधारण अवस्था में हों, जैसे कि सपाट, जिसकी वजह से वो सामान्य रूप से बाहर नहीं निकल सकते। अधिकतर लोगों को अटके हुए अकल दाढ को निकलवाने की सलाह दी जाती है। दाँत की अवस्था के अनुसार, तीसरे दाढ (अकल दाढ) को आपके दाँत के डॉक्टर के दफ्तर में, किसी बाहरी रोगी क्लिनिक में या अस्पताल में भर्ती करके निकाला जा सकता है। सामान्यतया एक व्यस्क की अकल दाढ निकलने के बाद उसके दाँतों की संख्या ३२ हो जाती है |और इसके निकलने में मीठा दर्द भी होता है जो आपको कोई काम करने नही देगा ।

दर्द और सूजन Pain and Swelling

 

जब अक़्ल दाढ़ का मामला हो, तो बारबार होने वाले दर्द और सूजन को गंभीरता से लेना चाहिए। ऐसे में दर्द कम करने की दवा या पेनकिलर लेने के बजाय डेंटिस्ट के पास जाएँ। दर्द की मदद से शरीर समस्या की तरफ़ इशारा करता है। पेनकिलर दर्द को सिर्फ़ दबाने का काम करती हैं, जिससे असली समस्या सुलझने के बजाय बढ़ जाती है।

टेढ़े दाँत

 

कई लोगों के जबड़ों में अक़्ल दाढ़ के लिए पर्याप्त जगह नहीं बचती, जिसकी वजह से ये दाँत टेढ़े निकलते हैं। ऐसी स्थिति में डेंटिस्ट इन दाँतो को निकालने की सलाह देते हैं। इन दाँतों को निकलवाने में देरी नहीं करनी चाहिए, क्यूँकि उम्र के साथ इन्हें निकालना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्यूँकि दाँत के आसपास की हड्डी उम्र के साथ सख़्त हो जाती है और आसानी से दाँत को निकलने नहीं देती। उम्र जितनी कम हो घाव उतनी ही जल्दी भर भी जाता है और परेशानी कम होती है।

अकल दाढ़ दर्द के लक्षण-कारण और इलाज

मसूड़े का दाँत को ढकना

 

पेरिकोरोनाइटिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें मसूड़े आधी निकली हुई अक़्ल दाढ़ के ऊपर रह जाते हैं। इसकी वजह से मसूड़े और दाँत के बीच की जगह में खाना इकट्ठा हो जाता है, जिससे उस जगह पे इन्फ़ेक्शन, दर्द, सूजन के अलावा मुँह खोलने में तकलीफ़ होती हैं। खाना खाने पर ये दर्द बढ़ जाता है।
अगर पेरिकोरोनाइटिस हो जाए, तो डेंटिस्ट उस जगह को डिसिन्फ़ेक्टंट से साफ़ करते हैं, और दर्द कम करने के लिए उचित दवा देते हैं। अगर ये तकलीफ़ बारबार होने लगे, तो इसका मतलब ये हो सकता है कि अक़्ल दाढ़ के निकलने के लिए जबड़ों में जगह नहीं है। ऐसे में इन्फ़ेक्शन को फैलने से बचाने के लिए इन दाँतों को जल्द से जल्द निकालना उचित होता है।

खाना फँसना

 

कई बार अक़्ल दाढ़ के साथ के दाँत की सीध में नहीं निकलते। इससे दोनो दाँतों के बीच में खाना फ़सने लगता है, और इनमे से एक या दोनो दाँत सड़ सकते हैं। अगर सड़न दाँत की नसों तक पहुँच जाए, तो दर्द शुरू हो जाता है।
अक़्ल दाढ़ के साथ वाला दाँत खाना चबाने के लिए बहुत ही ज़रूरी होता है। इस दाँत को बचाने के लिए सड़े दाँतों को समय से ठीक करना और कई बार अक़्ल दाढ़ को निकालना ज़रूरी होता है। इलाज में देरी होने से तकलीफ़ तो बढ़ती ही है, इलाज भी मुश्किल और खर्चीला हो जाता है।

 

अगर आपके डेंटिस्ट को लगता है कि आपकी अक़्ल दाढ़ के निकलने में कोई परेशानी नहीं होगी, तो इसे ना छेड़ना ही बेहतर है। पर अगर ऊपर लिखी कोई भी समस्या आपकी अक़्ल दाढ़ में होने लगे, तो तुरंत इलाज कराएँ। इस दाँत को ब्रश से साफ़ रखना और इसमें हो रही तकलीफ़ों को ख़ुद देख पाना बहुत मुश्किल है। इस विषय में जागरूकता और सही समय से किया इलाज ख़र्चे और परेशानी से बचाता है।

जब अक्ल दाढ़ का दर्द सताए तो अपनाएं ये घरेलू उपाय

 

1. लौंग

 

दांत के दर्द के लिए हममें से ज्यादातर लोग लौंग का इस्तेमाल करते हैं. अक्ल दाढ़ निकलने के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका anesthetic और analgesic गुण दर्द को शांत करने में मददगार होता है. इसके अलावा इसका एंटी-सेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी इंफेक्शन नहीं होने देता है. आप चाहें तो कुछ लौंग मुंह में रख सकते हैं या फिर उसके तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

2. नमक

 

दांत दर्द में नमक का इस्तेमाल करना भी बहुत फायदेमंद होता है. ये मसूड़ों की जलन को कम करने में मददगार है. इसके अलावा नमक के इस्तेमाल से इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है.
दांत दर्द में नमक का इस्तेमाल करना भी बहुत फायदेमंद होता है। दर्द को दूर करने के लिये पानी को हल्‍का गुनगुना करके उसमें नमक डाल लें और गरारा करें, और मुंह में भरकर सेंक दें। इससे दांतों का संक्रमण दूर हो जाएगा और आपको दर्द से निज़ात मिल जाएगा। सुबह ब्रश करते समय भी आप नमक वाले पानी का ही इस्‍तेमाल करें।

3. लहसुन

 

लहसुन में antioxidant, antibiotic, anti-inflammatory और दूसरे कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो अक्ल दाढ़ के दर्द को कम करने में मदद करते हैं. ये मुंह के बैक्टीरिया को भी पनपने नहीं देता.
लहसुन को अगर छीलकर उसकी कलियों को चबाया जाएं, तो दांतों के दर्द में आराम मिलता है। दिन में दो बार दो-दो कलियों को चबाने से जल्‍दी ही दर्द के दांतों से छुटकारा मिल जाता है।

4. प्याज

 

प्याज में एंटी-सेप्ट‍िक, एंटी-बैक्टीरियल और दूसरे कई गुण पाए जाते हैं. इसके इस्तेमाल से दांत दर्द में आराम मिलता है. ये मसूड़ों को भी इंफेक्शन से सुरक्षित रखने में मददगार है.
इसे अगर कच्‍चा खाया जाए तो दांतों के दर्द में आराम मिलता है। अगर आपके दांतों में दर्द इतना ज्‍यादा है कि आप इसे कच्‍चा नहीं खा सकते हैं तो इसका रस निकालकर दांतों में निकाल लें।

5. अमरूद की पत्त‍ियां

 

अमरूद की पत्तियां दांत दर्द में दवा की तरह काम करती हैं. अमरूद की पत्त‍ियों में anti-inflammatory और antimicrobial गुण भी पाया जाता है जो दांत दर्द में फायदेमंद है.

6. हींग:

 

हींग में कई आयुर्वेदिक गुणों का होते हैं। इसमें कई anti-inflammatory, एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो दांतों से दर्द में राहत प्रदान करते है। इसके इस्‍तेमाल के लिए आप हींग को बहुत कम मात्रा में लें और उसे दर्द वाली जगह पर लगा लें या इसे एक चौथाई पानी में घोल बनाकर माउथवॉश की तरह इस्‍तेमाल करें।

 

Impacted wisdom teeth are third molars at the back of the mouth that don’t have enough room to emerge or develop normally.Wisdom teeth also can be impacted — they are enclosed within the soft tissue and/or the jawbone or only partially break through or erupt through the gum. Partial eruption of the wisdom teeth allows an opening for bacteria to enter around the tooth and cause an infection, which results in pain, swelling, jaw stiffness, and general illness. Partially erupted teeth are also more prone to tooth decay and gum diseas,e because their hard-to-reach location and awkward positioning makes brushing and flossing difficult.

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