रांजनगांव श्री महागणपती
Mahaganpati Temple Ranjangaon
रांजनगांव गणपति भगवान गणेश के अष्टविनायको में से एक है। इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति को “खोल्लम” परिवार ने भेट स्वरुप दिया और मंदिर का उद्घाटन भी किया। पुणे के स्थानिक लोगो के बीच यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है।
आपको इस बात को जानकर हैरानी होंगी की मंदिर के भगवान गणेश की मूर्ति को “महोत्कट” कहा जाता है और ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योकि मूर्ति की 10 सूंढ़ और 20 हाँथ है।
इतिहास:
खोल्लम परिवार रांजनगांव में बसा हुआ स्वर्णकारो का एक परिवार था। एतिहासिक रहस्योंद्घाटन के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 9 वी से 10 वी शताब्दी में किया गया।
माधवराव पेशवा ने मंदिर के निचले भाग में भगवान गणेश की मूर्ति रखने के लिए एक कमरे का निर्माण भी करवाया था। इसके बाद इंदौर के सरदार किबे से मंदिर की अवस्था में सुधार किया था।
मंदिर का नगरखाना भी प्रवेश द्वार पर बना हुआ है। मुख्य मंदिर ऐसा लगता है जैसे इसका निर्माण पेशवा के समय में किया गया। पूर्व मुखी मंदिर का एक विशाल और सुंदर प्रवेश द्वार है।
किंवदंतियाँ:
किंवदंतियों के अनुसार त्रिपुरासुर नामक असुर स्वर्ग और पृथ्वी में मानव समाज को क्षति पंहुचा रहा था। सभी देवताओ की दलीलों को सुनकर भगवान शिव प्रकट हुए और उन्हें जल्द ही इस बात का एहसास हो गया था की वे उस असुर को पराजित नही कर सकते।
इसके बाद नारद मुनि की राय मानकर शिवजी ने गणेश को याद किया और एक ही तीर से असुर और त्रिपुरा के किले को ध्वस्त कर दिया। त्रिपुरा असुर को ध्वस्त करने वाले शिवजी पास ही भीमाशंकर में प्रतिष्ठापित हो गए।
दक्षिण भारत की किंवदंतियों के अनुसार गणेश ने भगवान शिव रथ की धुरा को तोडा था, जबकि उस समय शिवजी असुर त्रिपुरासुर से युद्ध कर रहे थे। अंत में असुर को पराजित कर भगवान शिव ने वही भगवान गणेश के मंदिर को प्रतिष्ठापित किया था।
पुणे-नगर हाईवे से जाते समय पुणे-कोरेगांव का रास्ता पकडे और शिक्रापुर से जाते समय रांजनगांव शिरूर से 21 किलोमीटर पहले आता है। पुणे से यह 50 किलोमीटर दूर है।
लोकेशन मैप रांजणगांव महागणपति
List of Ashtavinayak Temples
1. मयूरेश्वर (मोरेश्वर) गणपति, मोरगाँव
2.सिद्धिविनायक मंदिर, सिद्धटेक
3. बल्लालेश्वर गणपति मंदिर, पाली
6. श्री गिरिजात्मज गणेश मंदिर, लेण्याद्री
सिद्धिविनायक गणपति मंदिर, Mumbai (अष्टविनायकों से अलग होते हुए भी सिद्धिविनायक गणपति मंदिर, Mumbai महत्ता किसी सिद्ध-पीठ से कम नहीं।)