लाल महल का इतिहास
लाल महल का इतिहास
लाल महल का अर्थ होता है रेड पैलेस। छत्रपति शिवाजी महाराज के पिता शहाजीराजे भोसले ने ये ऐतिहासिक स्मारक पुणे में बनवाया था। लाल महल का महाराष्ट्र और मराठा साम्राज्य के इतिहास में ऐतिहासिक महत्त्व है।
The Lal Mahal of Pune is one of the most famous monuments located in Pune, India. In the year 1630 AD, Shivaji Maharaj’s Father Shahaji Bhosale, established the Lal Mahal for his wife Jijabai and son. Shivaji Maharaj stayed here for several years until he captured his first fort.
लाल महल का इतिहास लाल महल (रेड पैलेस) पुणे (भारत) के सबसे प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है। इस सुन्दर महल को शहाजीराजे भोसले ने सन 1630 में उनकी पत्नी जिजाबाई और बेटे शिवाजी महाराज के लिए बनवाया था। अपना जन्मस्थान शिवनेरी छोड़ने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज ने उनके बचपन का ज्यादातर समय इसी महल में बिताया।
1646 में मुग़ल साम्राज्य का तोरणा किला काबिज करने तक शिवाजी महाराज लाल महल में ही रहते थे। शिवाजी महाराज की शादी सईबाई के साथ इसी महल में हुई।
रानी जिजाबाई और शिवाजी महाराज उनके गुरु दादोजी कोंडदेव के साथ पुणे आये थे। पुणे शहर को पुनर्जीवित करने के उद्देश से ही मूल लाल महल का निर्माण किया गया।
सतरावी शताब्दी के अंत तक लाल महल खंडहर बन चूका था क्यु की इस शहर पर कई सारे हमले हो चुके थे। ऐसा कहा जाता है की शनिवारवाडा के निर्माण के समय लाल महल की कुछ मिट्टी और पत्थर भाग्य के तौर पर इस्तेमाल किए गए थे।
मूल लाल महल जिस जगह पर था उस स्थान के केवल एक हिस्से पर ही वर्तमान लाल महल बनवाया गया। जिस तरह पुराना लाल महल बनाया था उस तरह नया लाल महल निर्मित नहीं किया गया और पुराने लाल महल के क्षेत्र और रचना की किसी को ज्यादा जानकारी नहीं है। वर्तमान लाल महल पीएमसी ने बनवाया है। इसका निर्माण लगभग 1984 में शुरू हुआ और 1988 में पूरा हुआ।
ऐतिहासिक दृष्टि से लाल महल शिवाजी और शाहिस्ते खान के बिच में हुई लड़ाई के लिए प्रसिद्ध है। जहा पर शाहिस्ते खान लाल महल की खिड़की से भागकर उसकी जान बचाने की कोशिश कर रहा था तब शिवाजी ने उसकी हातो की उंगलिया काट डाली थी।
यह एक बड़े पैमाने पर मुग़ल के विशाल और घुड़सवार सेना पर किया हुआ गुप्त रूप से गुरिल्ला हमला था क्यु की शाहिस्ते खान की सेना पुणे में कब्ज़ा कर चुकी थी जो शिवाजी महाराज का बचपन का घर था।
संख्या में और शस्त्रों से कम सेना होने के बावजूद हार की लापरवाही की सजा के रूप में मुग़ल सम्राट ने शाहिस्ते खान को बंगाल भेज दिया।
वर्तमान के लाल महल में शिवाजी के जीवन की कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाये बड़ी आयल पेंटिंग्स से बनाई गयी है। इसमें राजमाता की मूर्ति जिसमे शिवाजी राजमाता जिजाबाई के साथ सोने का हल चलाते हुए दीखते है।
फाइबर का मॉडल जिसमे रायगड के साथ एक घुड़सवार दिखाई देता है और शिवाजी के किले दर्शानेवाला महाराष्ट्र का बड़ा मानचित्र। प्रसिद्ध जिजामाता उद्यान अब बच्चों के लिए मनोरंजन का उद्यान बन चूका है।
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