CBSE vs ICSE Board CBSE बोर्ड और ICSE बोर्ड में क्या अंतर है
CBSE vs ICSE Board
प्रत्येक माता-पिता यह करने के लिए इस चरण से गुजरते है कि कौन सा बोर्ड उनके बच्चे के लिए अच्छा होगा या कौन सा उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान करेगा। हर बच्चे की अपनी अलग-अलग योग्यता स्तर और आकांक्षाएं होती है। CBSE और ICSE दोनों बोर्ड अपनी योग्यता के माध्यम से शिक्षा प्रदान करते है तथा दोनों ही बोर्ड के द्वारा उच्च शिक्षा प्रदान की जाती है। लेकिन इन दोनों ही बोर्ड के कार्य करने में बहुत बड़ा अंतर होता है।
CBSE बोर्ड क्या है | What is CBSE Board in Hindi
CBSE केन्द्र सरकार द्वारा संचालित एजुकेशन बोर्ड है।
CBSE का पुरा नाम Central board of secondary education (केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) है. इसकी हेड आफिस दिल्ली में हैं CBSE को क्षेत्र के अनुसार 7 जोन और 16 क्लस्टर बाटा गया हैं और इसके 2 जोन India से बहार है।
CBSE भारत का एक शिक्षा बोर्ड है। यह राष्ट्रीय स्तर पर सभी प्राइवेट तथा पब्लिक स्कूल को संचालित करता है।
इस बोर्ड को भारत सरकार के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। तथा यह बोर्ड सभी केन्द्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालयों, तथा निजी विद्यालयों को मान्यता प्रदान करता है। भारत में 19 हजार से भी ज्यादा स्कूलों को CBSE की मान्यता प्राप्त है।
सीबीएसई बोर्ड में विज्ञान और गणित के विषयों पर ज्यादा जोर दिया जाता है तथा यह NCERT द्वारा मान्यता प्राप्त है।
CBSE हर साल 10वीं और 12वीं की परीक्षा करवाती है, तथा इन परीक्षाओं के अलावा यह JEE Main, NEET आदि कुछ परीक्षाएं भी आयोजित करवाती है। साथ ही AIPMT (All India Pre Medical Test) भी आयोजित करती है। यह परीक्षा मेडिकल कॉलेजेस में प्रवेश लेने के लिए आयोजित की जाती है।
CBSE vs ICSE Board
ICSE बोर्ड क्या है | What is ICSE Board in Hindi
ICSE BOARD KI FULL FORM होती है – INDIAN CERTIFICATE OF SECONDARY EDUCATION
ICSE Board की Exam CISCE (Indian School Certificate Examination) के द्वारा ली जाती है। CISCE एक NGO संस्था है। यह बोर्ड 12वीं कक्षा तक की परीक्षा आयोजित करती है।
तथा यह भारत में स्कूल शिक्षा का एक निजी, गैर सरकारी बोर्ड (Non Govermental Board) है। जो ICSE की परीक्षा को अंग्रेजी माध्यम के द्वारा आयोजित करती है।
इसे भारत में नई शिक्षा नीति (New Education Policy) 1986 की सिफारिशों को पूरा करने के लिए बनाया गया था। ICSE की परीक्षा सिर्फ अंग्रेजी में होती है। ICSE के Affiliated Colleges के नियमित छात्र ही यह परीक्षा दे सकते है। निजी छात्रों को यह परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाती है।
आईसीएसई भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। उनमें से प्रत्येक प्रमाण पत्र प्रदान करता है जो वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त होते हैं | अगर आप आईसीएसई स्कूल में पढ़ रहे हैं तो आपको नुकसान नहीं होगा, क्योंकि सरकार को भी उनकी देखभाल करने के लिए बाध्य है।
CBSE बोर्ड और ICSE में क्या अंतर है
CBSE vs ICSE Board
ICSE Vs CBSE में दोनों की सुविधाओं और कार्यो को करने में बहुत अंतर है।
चिकित्सा या इंजीनियरिंग का अध्ययन करने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए CBSE बोर्ड ज्यादा उपयुक्त है। CBSE के द्वारा AIEEE की परीक्षा आयोजित की जाती है। लेकिन I CSE इस परीक्षा को आयोजित नहीं करती है।
ICSE में पर्यावरण विषय का अध्ययन अनिवार्य है। जबकि CBSE में पर्यावरण विषय का अध्ययन अनिवार्य नहीं है।
ICSE केवल अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा प्रदान करती है।
CBSE अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यम की शिक्षा प्रदान करती है। जिसमें छात्र 2 भाषाओं में से किसी एक को चुन सकते है।
CBSE में छात्रों के ग्रेड के द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित किया जाता है।
जबकि ICSE के द्वारा 2 तरह से परीक्षा परिणाम घोषित होते है। एक ग्रेड और दूसरा अंकों के द्वारा।
अगर आप CBSE के छात्र है और आप 10वीं की बोर्ड परीक्षा दे रहे है। तो आपको सिर्फ 6 विषयों का ही अध्ययन करना होगा।
और अगर आप ICSE के छात्र है तो आपको 12 विषयों का अध्ययन करना होगा।
CBSE छात्रवृति पर आधारित परीक्षाओं के अवसर प्रदान करती है। तथा छात्रों की प्रतिभाओं को सम्मानित करने की परीक्षाओं का अधिक अवसर देती है। जो विभिन्न विषयों या अपनी रूचि के लिए छात्रों को पुरस्कार देता है।
ICSE भी इस तरह की परीक्षा आयोजित करती है। लेकिन CBSE बोर्ड इन परीक्षाओं को अधिक तथा नियमित रूप से करवाता है।
CBSE छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है,
ICSE का उद्देश्य व्यावहारिक परीक्षणों के जरिए सख्ती से कौशल सीखाने के लिए जाना जाता है। व्यावहारिक परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि छात्रों ने सैद्धांतिक रूप से ज्ञान प्राप्त करने के बाद, इसे व्यावहारिक रूप से लागू करने की क्षमता आयी या नहीं।
CBSE भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है, ICSE नहीं है। उनमें से प्रत्येक प्रमाण पत्र प्रदान करता है जो वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त होते हैं लेकिन CBSE को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसलिए, स्थानीय स्तर पर इसे सरकार का समर्थन प्राप्त होता है।