अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला
अयोध्या केस सुप्रीम कोर्ट का फैसला
supreme court verdict on ayodhya ram mandir
दशकों पुराने तथा पूरे देश को आंदोलित करते रहे केस में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित भूमि का कब्ज़ा सरकारी ट्रस्ट को मंदिर बनाने के लिए दे दिया गया है, तथा उत्तर प्रदेश के इसी पवित्र शहर में एक ‘प्रमुख’ स्थान पर मस्जिद के लिए भी ज़मीन आवंटित की जाएगी. इस केस में वादी भगवान रामचंद्र के बालस्वरूप ‘रामलला’ को 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक दिया गया है.
सुन्नी वक्फ बोर्ड को नई मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ ज़मीन का एक ‘उपयुक्त’ प्लॉट दिया जाएगा. न्यायमूर्तियों ने कहा कि ऐसा किया जाना ज़रूरी था, क्योंकि ‘जो गलतियां की गईं, उन्हें सुधारना सुनिश्चित करना भी’ कोर्ट का उत्तरदायित्व है. कोर्ट ने यह भी कहा कि ‘सहिष्णुता तथा परस्पर सह-अस्तित्व हमारे देश तथा उसकी जनता की धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्धता को पुष्ट करते हैं…’ कोर्ट ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए सरकार द्वारा तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट या बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए.
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन पर रामलला का हक माना है यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है. जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है. यानी कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए अलग जगह जमीन देने का आदेश दिया है. राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है.
राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाए सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन का अधिकार हिंदू पक्ष को दे दिया है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाया जाए, जो मंदिर निर्माण का काम देखे. यानी कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में गया है और अब केंद्र सरकार को आगे की रूपरेखा तय करनी है.
तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाए सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि केंद्र सरकार तीन महीने में स्कीम लाए और ट्रस्ट बनाए. यह ट्रस्ट राम मंदिर का निर्माण करेगा.
मुस्लिम पक्ष को मिलेगी 5 एकड़ जमीन
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि विवादित जमीन पर मुसलमान अपना एकाधिकार सिद्ध नहीं कर पाए. इसलिए विवादित जमीन पर रामलला का हक है. जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन किसी दूसरी जगह दी जाएगी. कोर्ट ने कहा कि केंद्र या राज्य सरकार अयोध्या में उचित स्थान पर मस्जिद बनाने को जमीन दे.
विवादित जमीन पर रामलला का हक
सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे पुराने केस में ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. इस फैसले में कोर्ट ने विवादित जमीन पर रामलला का हक दिया है. जबकि मुस्लिम पक्ष यानी सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही दूसरी जगह जमीन देने का आदेश दिया है.
मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीनकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन दी जाए. यानी कोर्ट ने मुस्लिमों को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश दिया है.