फार्मेसी क्या है
फार्मेसी क्या है : चिकित्सा में प्रयुक्त द्रव्यों के ज्ञान को औषधनिर्माण अथवा भेषज विज्ञान या ‘भेषजी’ या ‘फार्मेसी’ (Pharmacy) कहते हैं।
मेडिकल (medical) के क्षेत्र में फार्मेसी का अहम स्थान है. फार्मेसी का क्षेत्र जॉब के लिए बहुत ही शानदार फिल्ड हैं. इस फिल्ड में अनेक प्रकार की जॉब मिल जाती है. फार्मेसी का क्षेत्र (filed) दवाइयों से जुड़ा हुआ है. जिसमें आपको करियर के साथ-साथ लोगों की सेवा करने का अवसर भी मिलता है. वैसे तो आजकल करियर बनाने के लिए छात्रों को बहुत सारे ऑप्शन मिल जाते हैं. मगर मेडिकल लाइन ऐसी है जहा पर हमेशा जॉब के बहुत सारे स्कोप मिल जाते हैं.
फार्मेसी में दो प्रकार के कोर्स होते है बी फार्मा और डी फार्मा. इन कोर्सेस को करने के बाद स्टूडेंट्स अपना फ्यूचर आसानी से सिक्योर कर सकते हैं. यदि आपको साइंस और लाइफ साइंस तथा दवाइयों (medicine) के प्रति दिलचस्पी है तो आप आसानी से फार्मेसी के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं.
Bachelor of Pharmacy
Bachelor of Pharmacy जिसको संक्षिप्त में B.Pharma भी कहते है | B.Pharma चार साल का undergraduate course है | ये कोर्स पूरा करने के बाद आपको ‘Bachelor of Pharmacy’ की डिग्री प्राप्त होगी | इस डिग्री के मिलने के बाद आप भारत में Pharmacist की practice भी कर सकते है या फिर विदेश भी जा सकते है | Science stream की छात्र चाहे वो Mathematics से हो या फिर Biology से 12 वी कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद B.Pharma के लिए Eligible होते है | वैसे सामन्यत: Biology वाले छात्र Pharmacy लाइन में जाना ज्यादा पसंद करते है |
B.Pharma की चार साल की पढाई को 8 सेमेस्टर में बांटा जाता है और हर semester छ: महीने का होता है | हर semester में students को एक theoretical external examination देना जरुरी होता है जिसे मेन एग्जाम कहते है | कुछ semesters में practical exam भी होते है जिसमे hospital pharmacy, clinical pharmacy और community pharmacy जैसे विषय शामिल होते है |
बी.फार्मा का कोर्स कंटेंट Course Content
वैसे तो सामान्यत: सभी कॉलेज में यूनिवर्सिटी के आधार पर syllabus अलग अलग होता है लेकिन फिर भी सभी कॉलेज में विषय एक जैसे होते है जो सेमेस्टर बदलने पर बदलते रहते है | B.Pharma के प्रथम वर्ष में Human Anatomy , Physiology , Dispensing and General Pharmacy और Pharmaceutical Chemistry (Organic, Inorganic and Physical) विषय होते है | दुसरे वर्ष में Health Education , Clinical Chemistry , Biochemistry , Pharmaceutical Analysis , Advanced Organic Chemistry , Pharmaceutics , Molecular Biology , Mathematics होते है |
तीसरे वर्ष में Industrial Management , Computer Applications , Pharmacology 1 और Chemistry of Natural Products विषय होते है | चौथे और अंतिम वर्ष में Pharmacy Practice , Pharmaceutical Analysis (Advanced) , Pharmaceutics (Advanced) और Pharmacology 2 विषय होते है | चौथे वर्ष में आपको एक प्रोजेक्ट वर्क भी सबमिट करवाना होता है जो अलग अलग कॉलेज में अलग अलग होता है |
D.Pharma Information
D.Pharma जिसे Diploma in Pharmacy भी कहते है दो साल का डिप्लोमा कोर्स होता है | अगर आपको pharmacy के क्षेत्र में ही जाना है और आपके पास समय की कमी हो या फिर आर्थिक स्तिथि ठीक ना हो तो D.Pharma आपके लिए Best Option है | भारत में Pharmacist बनने के लिए यह minimum qualification होती है | वैसे B.Pharma की वैल्यू ज्यादा होती है लेकिन अगर कोई D.Pharma करने के बाद भी B.Pharma करना चाहे तो ये सम्भव हो सकता है | इसके लिए आपको B.Pharma में सीधे दुसरे साल में प्रवेश मिल जाता है जिसे Lateral entry कहते है |
फार्मेसी में डिप्लोमा (D.Pharma) पाठ्यक्रम इस तरह से डिजाइन किया गया है, कि इसमें व्यावहारिक और सिद्धांत दोनों विषयों को शामिल किया गया हो| पाठ्यक्रम छात्रों को नशीले पदार्थों के नियंत्रण, तीसरे पक्ष की बिलिंग, दवा वितरण, प्री-पैकिंग फार्मास्यूटिकल्स, कंप्यूटर प्रसंस्करण, और लिपिक और अन्य कर्तव्यों में सहायता के लिए तैयार करता है|
फार्मेसी क्या है
फार्मेसी के बाद के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स PG Courses
Bachelor of Pharmacy पुरी करने के बाद कई छात्र Post Graduate करने की इच्छा रखते है इसलिए Master डिग्री पाने के लिए उन छात्रों को एक कदम आगे बढाकर M.Pharma करना पड़ता है | M.Pharma जिसे Master of Pharmacy कहते है दो साल का PG course है | PG course करने के बाद ग्रेजुएट किसी विशेष फील्ड में specialize बन सकते है | इसके बाद वो ओर ज्यादा advanced course जैसे PhD और खोजबीन के क्षेत्र में भी जा सकते है | Master of Pharmacy करने के बाद Lecturer के रूप में भी अपना करियर बना सकते है | कई छात्र MBA करके इस क्षेत्र में व्यवसाय करने की चाह भी रखते है |
फार्मेसी से सम्बंधित कोर्स PHARMACY RELATED COURSES
फार्मेसी करने के लिए अनेक कोर्स हैं. फार्मेसी कोर्स करने के लिए स्टूडेंट्स को साइंस विषय (subject) के साथ बारहवीं (12th) परीक्षा उत्तीर्ण (pass) करनी अनिवार्य होती है. इसके बाद स्टूडेंट्स दो साल के डी फार्मा कोर्स या चार साल के बी फार्मा कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं.
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- बैचलर ऑफ़ फार्मेसी (PHARM) + मास्टर ऑफ़ बिज़नस
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- मास्टर ऑफ़ फार्मेसी (PHARM)
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- बैचलर ऑफ़ फार्मेसी (PHARM)
फार्मेसी के बाद करियर की सम्भावनाये किस क्षेत्र में पा सकते हैं रोजगार CAREER IN THE FIELD OF PHARMACY
फार्मेसी कोर्स करने के बाद छात्रों को इस फिल्ड में जॉब के लिए काफी सारे ऑप्शन मिल जाते हैं. जिसमें अच्छी जॉब के साथ-साथ सैलरी भी मिल जाती है.
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- मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव
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- क्लीनिकल रेसेअर्चेर
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- मार्किट रिसर्च एनालिस्ट
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- मेडिकल राइटर
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- एनालिटिकल केमिस्ट
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- फार्मासिस्ट
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- मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव
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- क्लीनिकल रेसेअर्चेर
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- ऑन्कोलॉजिस्ट
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- एनालिटिकल केमिस्ट
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- रेगुलेटरी मेनेजर
Pharmacy करने के बाद ग्रेजुएट छात्र Pharmacist , Medical representative , Scientist (Research field) , Teacher (Junior Lecturer) , Quality Control Officer , Clinical Research professional , Drug Inspector , Marketing professional जैसी जॉब तो आसानी से कर सकता है और उनको Hospitals and Clinics (Government and Private) , Medical Shop chains (the likes of Apollo Pharmacy) , State wise Drugs and Pharmaceutical Boards और कई जानी मानी pharmaceutical companies जैसे सिपला, GSK, Sun फार्मा अदि में जॉब मिल सकती है |