Saraswati stavan stotra

Saraswati stavan stotra

 

मां सरस्वती देवी को विद्या की देवी कहा जाता है | इसलिए कोई भी शिक्षा प्राप्त करने से पहले मां सरस्वती का आशीर्वाद लिया जाता है | सरस्वती देवी का आशीर्वाद लेने से आप जो शिक्षा ले रहे हैं उसमें आपको सफलता मिलती है | तो चलिए आज देखते हैं की मां सरस्वती का स्त्रोत स्तवन कौन (Saraswati stavan stotra) सा है और उसे कैसे करते हैं

 

श्री सरस्वती स्तोत्र/Shri Saraswati Stotra lyrics

या कुंदेदंदुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।

या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा ।।1।।

आशासु राशिभवदंगवल्लीभासैव दासीकृतदुग्धसिन्धुम् ।

मन्दस्मितैर्निन्दितशारदेन्दु वन्देऽरविंदासनसुंदरि त्वाम् ।।2।।

शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे ।

सर्वदा सर्वदास्माकं सन्निधिं सन्निधिं क्रियात् ।।3।।

सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृदेवताम् ।

देवत्वं प्रतिधन्ते यदनुग्रह्तो जना: ।।4।।

पातु नो निकषग्रावा मतिहेम्न: सरस्वती ।

प्राज्ञेतरपरिच्छेदं वचसैव करोति या ।।5।।

शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाधां जगद्व्यापिनीं वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम् ।

हस्ते स्फाटिकमालिकां च दधतीं पद्मासने संस्थितां वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ।।6।।

वीणाधरे विपुलमंगलदानशीले भक्तार्तिनाशिनि विरंचिहरीशवंधे ।

कीर्तिप्रदेऽखिलमनोरथदे महार्हे विद्याप्रदायिनि सरस्वती नौमि नित्यम् ।।7।।

श्वेताब्जपूर्णविमलासनसंस्थिते हे श्वेताम्बरावृतमनोहरमंजुगात्रे ।

उधन्ममनोज्ञसितपंकजमंजुलास्ये विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम् ।।8।।

मातस्त्वदीयपदपंकजभक्तियुक्ता ये त्वां भजन्ति निखिलानपरान्विहाय ।

ते निर्जरत्वमिह यान्ति कलेवरेण भूवह्रिवायुगगनाम्बुविनिर्मितेन ।।9।।

मोहान्धकारभरिते ह्रदये मदीये मात: सदैव कुरु वासमुदारभावे ।

स्वीयाखिलावयवनिर्मलसुप्रभाभि: शीघ्रं विनाशय मनोगतमंधकारम् ।।10।।

ब्रह्मा जगत् सृजति पालयतीन्दिरेश: शम्भुर्विनाशयति देवि तव प्रभावै: ।

न स्यात्क्रपा यदि तव प्रकटप्रभावे न स्यु: कथञिचदपि ते निजकार्यदक्षा: ।।11।।

लक्ष्मीर्मेधा धरा पुष्टिर्गौरी तुष्टि: प्रभा धृति: ।

एताभि: पाहि तनुभिरष्टाभिर्मां सरस्वती ।।12।।

सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम: ।

वेदवेदांतवेदांगविद्यास्थानेभ्य एव च ।।13।।

सरस्वती महाभागे विद्ये कमललोचने ।

विद्यारुपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तु ते ।।14।।

यदक्षरं पदं भ्रष्टं मात्राहीनं च यद्भवेत् ।

तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि ।।15।।

 

Saraswati stotra stavan pdf download free

About Chetan Velhal

Check Also

Bhimrupi Maharudra lyrics in Marathi

मारुति स्तोत्र क्या है? मारुति स्तोत्र, भगवान हनुमान की महिमा का गायन करने वाली एक शक्तिशाली …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version