Educational Loan kya he: हम आजके पोस्ट में आपको बता रहे हे की एजुकेशन लोन सम्बंधित कुछ विशिष्ट बातें ( Education Loan important facts ) एजुकेशन लोन क्या हे?(education loan kya he ), एजुकेशन लोन क्या करता है ?, एजुकेशन लोन में क्या कवर होता है?,लोन के लिए कौन अप्लाय कर सकता है?,एजुकेशन लोन के प्रकार (Education Loan types) ,कागजातों की जरूरत(Education Loan documents required in hindi),Education Loan eligibility criteria,
आप बच्चो की पढाई को लेकर चिंतित हे तो एजुकेशन लोन एक बड़ा सहारा बन जाता है. हर कोई चाहता है कि वह अच्छी शिक्षा प्राप्त करके बढ़ि नौकरी job या अपना बिजनेस business हासिल करे. लेकिन आज की महंगाई के इस दौर में उच्च शिक्षा भी महंगी हो चली है. बड़े और अच्छे कॉलेज college या इंस्टीट्यूशंस की फीस देना कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं है. ऐसे में काम आता है एजुकेशन लोन education loan. एजुकेशन लोन की मदद से देश में ही नहीं बल्कि विदेश में उच्च शिक्षा पाना भी आसान हो चला है. हर बैंक में एजुकेशन लोन की सुविधा है.Educational Loan kya he
एजुकेशन लोन सम्बंधित कुछ विशिष्ट बातें (Education Loan important facts)
एजुकेशन लोन क्या करता है ?
एजुकेशन लोन अक्सर किसी विद्यार्थी के कॉलेज की मूलभूत फीस तथा पढाई- लिखाई और अन्य तरह की चीज़ों के ख़र्च का सारा भार वहन करता है.
एजुकेशन लोन में क्या कवर होता है?
इसमें कोर्स की बेसिक फीस और कॉलेज के दूसरे खर्च (रहने, एग्जाम और अन्य) कवर होते हैं.
लोन के लिए कौन अप्लाय कर सकता है?
पढ़ाई करने वाला छात्र मेन बॉरोअर होता है.उसके पैरेंट्स, या भाई-बहन को बॉरोअर हो सकते हैं.
लोन किसे मिल सकता है?
भारत में पढ़ाई या उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्र लोन ले सकते हैं. दोनों जगह पढ़ाई के लिए लोन की रकम अलग हो सकती है और यह बैंक पर भी निर्भर करता है.
लोन के तहत किस तरह के कोर्स आते हैं?
लोन लेकर फुल टाइम, पार्ट टाइम या वोकेशनल कोर्स किये जा सकते हैं. इसके अलावा इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल, होटल मैनेजमेंट और आर्किटेक्चर आदि में ग्रेजुएशन graduation या पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए लोन लिया जा सकता है.
एजुकेशन लोन के प्रकार (Education Loan types)
अंडरग्रेजुएट एजुकेशन लोन : वे विद्यार्थी जिन्होंने अपनी हायर सेकेंडरी शिक्षा पूरी कर ली हो, और तीन अथवा चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स को पूरा करना चाहते हो, वह इस लोन के लिए आवेदन दे सकता है.
ग्रेजुएट एजुकेशन लोन : ग्रेजुएट छात्र / छात्रा ही इसका फायदा उठा सकते हैं. वे अपनी उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन ले सकते हैं.
करियर एजुकेशन लोन : करियर एजुकेशन लोन उन विद्यार्थियों को मिल पाता है, जो देश के किसी टेक्निकल स्कूल अथवा सस्थानों में अपनी रूचि के तहत पढाई करना चाहते हैं, मसलन इंजीनियरिंग.
अभिभावकों (Guardian) के लिए लोन : वे अभिभावक अथवा सगे सम्बन्धी जो अपने किसी बच्चे को पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं, यानि उसकी पढ़ाई और पढाई सम्बन्धी अन्य चीज़ों के खर्चे नहीं उठा पा रहे है, वे अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए इस लोन का आवेदन दे सकते हैं. इससे वे एजुकेशन की ओर अपने बच्चों को बढ़ावा देने के लिए अग्रसर होंगे.
एजुकेशन लोन के लिए योग्यता (Education Loan eligibility criteria)
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- एजुकेशन लोन पाने के लिए आवेदक को सर्वप्रथम भारत का नागरिक होना आवश्यक है.
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- आवेदक का देश के किसी अधिकार युक्त यूनिवर्सिटी में दाखिला होना आवश्यक है.
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- आवेदक की हायर सेकेंडरी पूरी होनी चाहिए. हालांकि कुछ बैंक ऐसे भी हैं, जो दाखिले से पहले भी लोन देते हैं.
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- यद्यपि भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमों के अनुसार इस लोन को प्राप्त करने के लिए कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं है, किन्तु कई बैंक अपने नियम और शर्तों में अधिकतम आयु की सीमा रखता है.
कागजातों की जरूरत(Education Loan documents required in hindi)
बैंक इसके लिए हालांकि आवेदक से संस्थान का दाख़िला- पत्र(एडमिशन लेटर),फीस स्ट्रक्चर, 10वीं, 12वीं रिजल्ट और आवश्यकता होने पर ग्रेजुएशन की मार्कशीट मांग सकते हैं. इसके अलावा को एप्लिकेंट की सेलरी स्लिप या आयकर रिटर्न (आईटीआर) की कॉपी मांगी जा सकती है.
कुछ आवश्यक दस्तावेज़ जो प्रायः हर आर्थिक संस्थानों में एजुकेशन लोन के लिए मांगे जाते हैं. इस प्रकार हैं –
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- आवासीय प्रमाण पत्र मसलन राशन कार्ड, बैंक पासबुक, वोटर आईडी आदि.
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- दाख़िला प्रमाण पत्र.
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- पिछले भुगतान किये गये फीस का प्रमाण.
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- विद्यार्थी और अभिभावक का आधार तथा पैन कार्ड pan card .
रीपेमेंट
आमतौर पर कोर्स खत्म होने के छह महीने बाद रीपेमेंट शुरू हो जाता है, कई बार बैंक छह महीने की मोहलत भी देते हैं. यह मोहलत job पाने के छह महीने भी हो सकती है या कोर्स खत्म होने के बाद एक साल की हो सकती है. पांच से सात साल में यह लोन चुकाना होता है, कई बार बैंक इसे आगे बढ़ा सकते हैं. कोर्स की अवधि के दौरान लोन पर ब्याज सामान्य ही होता है और इएमआई के रूप में यह ब्याज चुकाना होता है, जिससे कोर्स पूरा होने के बाद छात्र पर ज्यादा बोझ न पड़े. लोन को छात्र चुकाता है.Educational Loan kya he
एजुकेशन लोन के फायदे (Education Loan benefits)
उच्चतम शिक्षा का सुलभ रास्ता : तात्कालिक दौर में विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा का भार खुद उठाना अनिवार्य हो गया है. इससे वे जल्द से जल्द अपनी जिम्मेवारियों को समझ पाते हैं. साथ ही ऋण लेकर पढने के बाद जब नौकरी मिलती है उस समय ऋण का पैसा कटता है. अतः ऐसी स्तिथि में पढाई एक बोझ की तरह नहीं लगती है.
विभिन्न स्तर के लोगों के लिए मुहैया : शिक्षा ऋण सभी तबकों के लोगों के लिए मुहैया होता है. आम तौर पर एजुकेशन लोन शिक्षा बढाने के लिए होता है, ताकि आम युवा भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें.
टैक्स लाभ : विद्यार्थियों के अभिभावक के लिए ये ऋण टैक्स लाभ भी देता है. एजुकेशन लोन लेकर पढने से पढाई- लिखाई के दौरान सभी टैक्स माफ़ हो जाते हैं. अतः एजुकेशन लोन टैक्स बचाते हुए पढाई करने का एक अच्छा माध्यम है.
कम ब्याज दर : कई पब्लिक बैंक में एजुकेशन लोन पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है. साथ ही सरकार की टैक्स की दरें भी कम की जाती है. कई बार सरकार विभिन्न देशों में अपने विद्यार्थियों की शिक्षा में उन्नति के लिए विभिन्न तरह की छूट भी देती है. सरकार द्वारा छात्रों के लिए विद्यालक्ष्मी एजुकेशन लोन पोर्टल की घोषणा यहाँ पढ़ें.
बेहतर भुगतान शर्त : एजुकेशन लोन में अन्य लोन की अपेक्षा भुगतान का आसान तरीका है. विद्यार्थियों को पढाई पूरी होने तक भुगतान की कोई चिंता नहीं होती. एक बार नौकरी मिल जाने के बाद धीरे धीरे ऋण चुकाया जा सकता है.Educational Loan kya he
लोन लेने में आसानी : अन्य लोन की तुलना में एजुकेशन लोन पाने की प्रक्रिया बहुत आसान है. बहुत आसान प्रक्रियाओं को पूरा कर हायर एजुकेशन के लिए लोन प्राप्त किया जा सकता है.
विद्यार्थियों को जल्द जिम्मेवार बनाने में सहायक : एजुकेशन लोन लेकर पढने वाले लोगों को एक समय के बाद लोन चुकाने की आवश्यकता महसूस होती है. अतः वे जल्द से जल्द एक नौकरी job पाने और लोन चुकाने की कोशिश में लगे रहते हैं. इस कोशिश से उन्हें जल्द नौकरी मिल जाती है और वे जीवन में बहुत जल्द जिम्मेवार हो जाते हैं.
अभिभावकों को आसानी : एजुकेशन लोन लेकर पढने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों की चिंताएं बहुत कम हो जाती हैं, क्योंकि ये उनके बच्चे के लिए उस समय एक तरह का आर्थिक सहयोग साबित होता है. इन दिनों प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का शुल्क बहुत अधिक हो गया है. अतः उस फीस को चुकाने के लिए एजुकेशन लोन बहुत सार्थक सिद्ध होता है.
आत्मविश्वास : एजुकेशन लोन लेकर पढने वाले विद्यार्थी को पता होता है कि उनकी शिक्षा में उनकी भूमिका सबसे अहम् है. अतः वे एक नए जोश और जूनून के साथ पढाई लिखाई करते है. वे खुद को स्वतंत्र महसूस करते हैं.
एजुकेशन लोन में जागरूकता (Education Loan awareness)
इस सुविधा को लेकर लोगों को जागरूक होने की ज़रुरत है. अभी भी कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें इस सुविधा के विषय में पता तो है, किन्तु झिझक Diffidence और परेशानी के डर से इसका लाभ नहीं उठाते. इसके सहारे कई युवाओं को उनकी रूचि के मुताबिक पढाई करने का मौक़ा मिलेगा और वे अपना भविष्य संवार पायेंगे. गाँव के क्षेत्रों में अभी भी इस सुविधा के प्रति जागरूकता कम है, किन्तु सरकारी बैंक लगातार इसका प्रचार करती रहती है.
एजुकेशन लोन लेते समय लोन से सम्बंधित सभी शर्तों को जान और परख लेना चाहिए, ताकि शिक्षा के बीच में किसी तरह की परेशानी अथवा रुकावट न आ सके. इस बात को जानना बेहद ज़रूरी है, कि भारत में पढाई करने के लिए अधिकतम 10 लाख रूपए तक का और विदेश में जा कर पढाई करने के लिए अधिकतम 20 लाख का ऋण दिया जाता है. चार लाख रूपए तक के लोन के लिए किसी भी तरह की गारंटी की ज़रुरत नहीं होती है, किन्तु 4 लाख से ऊपर के ऋण के लिए विभिन्न बैंक विभिन्न तरह के गारंटी की मांग कर सकते हैं.
12वीं के बाद होते हैं ये एंट्रेंस एग्जाम
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