ई-कॉमर्स कंपनियां जरूरी सामान को छोड़कर अन्य सामानों की सप्लाई नहीं कर पाएंगी.
ई-कॉमर्स कंपनियां के बारेमे सरकार का नया आदेश : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए सरकार ने देश में लॉक डाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ा दिया है। लॉक डाउन के दूसरे चरण के बीच सरकार ने 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों को शुरु करने की अनुमति दी है। सरकार ने शनिवार को इन सेवाओं और गतिविधियों से जुड़ी एक नई लिस्ट जारी की थी। साथ ही कहा गया है कि कोरोना संक्रमित इलाकों में इस तरह की गतिविधियों की इजाजत नहीं होगी।
गृह मंत्रालय की ओर से रविवार को गाइडलाइन में बदलाव करते हुए यह साफ किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियां जरूरी सामान को छोड़कर अन्य सामानों की सप्लाई नहीं कर पाएंगी.
भारत सरकार ने कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट के बीच लोगों को हो रही दिक्कतों को कुछ हद तक कम करने के लिए 20 अप्रैल (सोमवार) से कुछ सेवाओं और कामकाज की अनुमति देने का फैसला किया है. ये सेवाएं और गतिविधियां Non Covid-19 Areas या कोरोना से कम से कम प्रभावित क्षेत्रों में चालू होंगी.
लॉकडाउन फेज-2 /20 अप्रैल से मोबाइल-फ्रिज जैसे गैर-जरूरी सामान नहीं बेच सकेंगी ई-कॉमर्स कंपनियां
सरकार ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जारी किए नए आदेश में साफ कर दिया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां और उनके वाहनों का इस्तेमाल केवल जरूरी सामान की डिलीवरी के लिए होगा। इस दौरान किसी भी गैर-जरूरी सामान की डिलीवरी पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
केंद्र सरकार द्वारा छूट दी जाने वाली लिस्ट में आयुष समेत स्वास्थ्य सेवाओं, कृषि एवं बागवानी गतिविधियों, मछली पकड़ने (समुद्री और अंतर्देशीय), वृक्षारोपण गतिविधियों (अधिकतम 50 प्रतिशत श्रमिक के साथ चाय, कॉफी और रबर) और पशुपालन को रखा गया है. इसके साथ ही अधिकतम 50 प्रतिशत मजदूरों के साथ चाय, कॉफी और रबर बागान में काम किया जा सकेगा.